गुना, मध्यप्रदेश। सिटी कोतवाली में पदस्थ प्रधान आरक्षक पर पुलिसिया रुतबे में घर के पीछे स्थित सरकारी गली पर नाली घेरकर कब्जा कर नाली अवरुद्ध करने और पड़ोसी वकील से बदसुलूकी करने के आरोप लगे हैं। पीड़ित पड़ोसी ने प्रधान आरक्षक के आचरण की शिकायत टीआई और एसपी से की है।
भार्गव कॉलोनी निवासी कुलदीप गुर्जर ने पुलिस अफसरों को की गई शिकायत में बताया है कि उनके घर के पास सिटी कोतवाली में तैनात को प्रधान आरक्षक सूर्येंद्र मिश्रा का मकान है। बकौल कुलदीप गुर्जर “24 नवंबर की सुबह करीब 10-11 बजे के बीच मैं अपने भवन के पीछे स्थित सार्वजनिक नाली की निकासी अवरूद्ध हो जाने से नालियों को सफाई कर्मी सूरज से साफ करा रहा था तभी वहां सूयेन्द्र मिश्रा आ गये और मुझे सफाई कराने से रोकते हुये नाली की ओर जाने से रोक दिया। जब मैने उनसे रास्ता रोकने का कारण पूछा तो सूयेन्द्र मिश्रा जो पुलिस की वर्दी में थे मुझसे बोले कि, मैं पुलिस वाला हूं मुझसे पूछे बिना नाली साफ कराई तो जान से मार दूंगा और मुझे धक्का देकर गिरा दिया।
पीड़ित कुलदीप के अनुसार इस पुलिसकर्मी द्वारा अवैध अतिक्रमण कर अपने भूखंड से अतिरिक्त जल निकासी के स्थान पर भवन निर्माण किया है, और नाली से जल निकासी अवरूद्ध की गई है। नाली में पानी भरा रहता है जिसकी सफाई भी नहीं करने दी जा रही है। उल्टा पुलिस में होने का रुतबा गांठते हुए मुझे असत्य आपराधिक प्रकरण बनाकर झूठा फंसाने की धमकी दी जा रही है।
सिटी कोतवाली पुलिस ने दर्ज नहीं की एफआईआर
पेशे से वकील कुलदीप गुर्जर ने बताया कि सूर्येंद्र मिश्रा का कृत्य भारतीय न्याय संहिता की धारा 126 (2), 351(2)/(3) के अंतर्गत दंडनीय होने से जब वो इस घटना की एफआईआर दर्ज कराने 24 नवंबर को सिटी कोतवाली आवेदन लेकर गए, तो वहां पर थाना प्रभारी उपस्थित न होने पर थाने के एचसीएम के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया, उन्होंने उपनिरीक्षक को उक्त आवेदन दिया। उपनिरीक्षक ने आवेदक की चर्चा फोन पर थाना प्रभारी से कराई गई तो उन्होंने संबंधित प्रधान आरक्षक को समझाईश देने का कहकर कोई कार्यवाही नहीं की।
कुलदीप गुर्जर ने बताया कि उन्होंने पूरे घटनाक्रम की शिकायत पुलिस अधीक्षक को भी की है। यदि शिकायत पर विधि अनुसार कार्यवाही नहीं हुई तो आरोपी और आरोपी के कृत्य पर सूचना के बाद भी संज्ञान न लेने के दोषी जिम्मेदारों के विरुद्ध कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।