गुना, मध्यप्रदेश। गुना शहर की सबसे पुरानी बसाहट लक्ष्मीगंज। यहां मकानों की सूरत बदलीं, पीढ़ियां बदलीं, दौर बदला, लोग बदले लेकिन एक चीज नहीं बदली, वो है बिहारी की चाट का ज़ायका। हां, इसकी कीमत जरूर बदल गई। कभी 10 पैसे में मिलने वाली जायकेदार छोले टिक्की की ये चाट अब 20 रुपए की हो गई है।

यूं तो लक्ष्मीगंज अपने आप में गुना की शान है। लेकिन यहां की कुछ पहचानों में एक पहचान और है। वह है “बिहारी की चाट”। चाट यानी छोले और आलू की टिकिया। जिसमें स्वाद के अनुसार मसाला और चटनी मिलाकर सर्व किया जाता है। 70 के दशक में कभी 10 पैसे में बिकी यह चाट वक्त के साथ महंगी होते होते आज 20 रुपए की है।
बिहारी लाल जायसवाल ने 70 के दशक में लगाया था ठेला
दुकान के संचालक राजेश जायसवाल बताते हैं कि उनके पिता बिहारी लाल जायसवाल ने यह काम शुरू किया था। उन्होंने 70 के दशक में एक ठेला लक्ष्मीगंज में लगाना शुरू किया था। तब एक चाट की कीमत 10 पैसे हुआ करती थी। उन्होंने जिस तरह से चाट तैयार करना सिखाया, उसमें हमने कोई बदलाव नहीं किया। यही वजह है कि जो स्वाद आज है तब भी यही था। हमने चाट बनाने के परम्परागत तरीके में कोई नया प्रयोग नहीं किया, बस वक्त के साथ बर्तन और चूल्हे ही बदले हैं।

छोटी दुकान, बड़ा नाम
इस फेमस चाट सेंटर का जितना बड़ा नाम है, दुकान उतनी ही छोटी है। बमुश्किल 9 वर्गफुट में यह दुकान है। यहां दिन भर में करीब तीन सौ से चार सौ चाट की बिक्री होती है। चाट के शौकीन कुछ लोग यहां के नियमित ग्राहक हैं। राजेश बताते हैं कि पिताजी ने ठेले पर चाट सेंटर शुरू किया। उनके व्यवहार से प्रभावित होकर उस समय के प्रसिद्ध वकील और विधायक धर्मस्वरूप सक्सेना ने बाद में यह जगह दुकान के लिए दे दी थी। तब से दुकान यहीं पर है। तीन साल पूर्व पिता बिहारीलाल का निधन हो गया है। वो अपना प्रसिद्ध नाम और ऐसा काम हमें सौंपकर गए हैं कि हमें उन पर और अपने काम पर गर्व होता है।
गर्मियों में यहां मिलती है बर्फ की घिस्सा आइस्क्रीम
गर्मियों के सीजन में बर्फ की आइस्क्रीम बेचते हैं। आइस्क्रीम भी बिहारी का घिस्सा के नाम से फेमस है। अच्छे स्तर की शादी पार्टियों में बिहारी की चाट और बिहारी की आइस्क्रीम का स्टॉल जरूर मिलता है।